How to Start Software Company ?
सबसे पहले (How to Start Software Company ) सॉफ्टवेयर कंपनी के टाइप जानते हैं इंडिया में आपको दो टाइप की सॉफ्टवेयर कंपनी मिलेगी पहली सर्विस या कंसलटिंग बेस्ड सॉफ्टवेयर कंपनी और दूसरी प्रोडक्ट या डेवलपमेंट बेस्ड सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो इन्फोसिस आईबीएम टेक महिंद्रा सॉफ्टवेयर कंसलटिंग या सर्विस कंपनी है इस टाइप की कंपनी क्लाइंट्स को बिजनेस कंसलटिंग इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और आउटसोर्सिंग सर्विसेज की सर्विसेस प्रोवाइड कराती है जबकि प्रोडक्ट या डेवलपमेंट बेस्ड सॉफ्टवेयर कंपनी के पास ऐसे प्रोडक्ट्स होते हैं जो रेवेन्यू में एक मेजर पोर्शन प्रोवाइड करते हैं
अमेजॉन माइक्रोसॉफ्ट गूगल ऐसी ही कंपनी है लिए अब आपको बताते हैं इंडिया में सॉफ्टवेयर कंपनी ओपन करने का स्टेप बायस्टेप प्रोसीजर क्या है पहला स्टेप है अपने बिजनेस की फंडिंग के लिए या तो आपके पास सफिशिएंट फंड होगा या फिर आप बैंक लोन की हेल्प से ऐसा करने वाले होंगे अच्छी बात यह है कि आज के टाइम में आप क्राउड फंडिंग एंजेल इन्वेस्टमेंट और वेंचर कैपिटल फंडिंग की हेल्प भी ले सकते हैं (How to Start Software Company )
दूसरा स्टेप आता है बिजनेस प्लान बनाया किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले बिजनेस प्लान बनाना जरूरी होता है कई बार इस स्टेप को स्कीप कर दिया जाता है जिसकेरिजल्ट सेटिस्फेक्ट्री नहीं आते हैं इसलिए आपको अपना बिजनेस शुरू करने की भले ही कितनी भी जल्दी हो एक प्रॉपर बिजनेस प्लान जरूर बनाया जो कि दीप रिसर्च पर बेस्ड हो और अपने इस फील्ड के कंपटीशन को भी अच्छे से ऑब्जर्व कर लिया
इस बिजनेस प्लान में सॉफ्टवेयर कंपनी का टाइप उसे करें जो आपकी नॉलेज और बिजनेस के अकॉर्डिंग हो और जिसमें अब ज्यादा अच्छी सर्विस दे सकते हो इसमें आपको प्रोडक्ट्स और सर्विसेज को भी चूस करना होगा और स्पेसिफिक ऑडियंस या मार्केट को भी टारगेट करना होगा (How to Start Software Company 🙂
तीसरा स्टेप आता है अपने बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन का स्ट्रक्चर डिसाइड करें अपने बिजनेस के लिए सॉफ्टवेयर कंपनी का राइट टाइप चूज करने के बाद आपको डिसाइड करना होगा कि आप बिजनेस पार्टनरशिप में शुरू करना चाहते हैं या नहीं आप अपनी सर्विस पूरे देश में देना चाहते हैं या फिर केवल लोकल कम्युनिटी में इसके बाद
14 स्टेप आता है कि अपने बिजनेस के लिए सही एरिया या रीजन सेलेक्ट करें आप किस तरह के सॉफ्टवेयर टाइप पर काम करने वाले हैं इस पर डिपेंड करेगा कि आपका प्रोडक्ट पूरे देश में सेल करेंगे या लोकल एरिया में लेकिन आपको अपने बिजनेस के लिए इंडिया के ऐसे एरियाज पर तो फॉक्सकरना ही होगा जहां पर आपको सबसे ज्यादा प्रॉफिट मिल सकता हो
पांचवा स्टेप है कि अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी को रजिस्टर करवाइए अगले
(How to Start Software Company)
स्टेप में आपको अपनी कंपनी को रजिस्टर आफ कंपनी यानी कि आरुषि में रजिस्टर करवाना होगा इसके लिए आपको अपनी कंपनी के लिए चार ऐसे नाम भी देने होंगे जो अभी तक किसी कंपनी के ना हो इसके अलावा आपको कुछ फॉर्म भी भरने होंगे
जिनमें आपको सॉफ्टवेयर कंपनी की बेसिक पर्सनल इनफॉरमेशन प्रोवाइड करनी होगी इंडिया में अपनी सॉफ्टवेयर कंपनी का बिजनेस शुरू करने से पहले आपको लीगल एंटिटी की जरूरत पड़ेगी इसलिए आप अपनी कंपनी के लिए सूटेबल लीगल एंटिटी इनमें से चूज कर ले सोले प्रोपराइटरशिप फॉर्म इसी कंपनी तो नहीं माना जाता है
लेकिन किसी नए आइडिया पर काम शुरू करने के लिए एक अच्छी लीगल एंटिटी माना जाता है दूसरा है पार्टनरशिप फॉर्म इसमें बिजनेस ओनर के साथ को फाउंडर्स भी होते हैं जो मिलकर उसे बिजनेस आइडिया पर काम करते हैं
तीसरा है एलएलपी यानी लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसे इंडिया में बिजनेस की रियल कंपनी कहा जाता हैऔर 90% से ज्यादा बिजनेस ओनर्स अपनी कंपनी को इसी नाम से रजिस्टर करवाते हैं
सॉफ्टवेयर कंपनी स्टार्ट करने के लिए आपको इन कॉमन डॉक्यूमेंट की भी जरूरत पड़ेगी पैन कार्ड कॉपी आधार कार्ड वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस एड्रेस प्रूफ के रूप में बिजनेस ऐड्रेस प्रूफ के लिए यूटिलिटी बिल कॉपी या रेंट एग्रीमेंट कॉपी भी चलेगी
इनके अलावा एक सॉफ्टवेयर कंपनी शुरू करने के लिए आपको इन लाइसेंस और लीगल रजिस्ट्रेशन की जरूरत भी होगी जैसे कि कंसल्टेंसी बिजनेस के लिए सर्विस टैक्स रजिस्ट्रेशन एसडीपीआई लाइसेंस ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन कॉपीराइट रजिस्ट्रेशन पेटेंट रजिस्ट्रेशन और सॉफ्टवेयर लाइसेंस एग्रीमेंट्स यहां आपको एसडीपीआई के बारे में जरूर से जान लेना चाहिए
आपको अपनी कंपनी आर्गेनाइजेशन को एसडीपीआई यानी सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क इंडिया में रजिस्टर भी करवाना होगा यह एसडीपीआई लाइसेंस स्पेशली इंडिया की न्यू सॉफ्टवेयर कंपनी के लिए होते हैं और उन्हें बहुत सी फैसेलिटीज प्रोवाइड करते हैं जैसे की 5 साल तककोई पेमेंट नहीं इसके अलावा सॉफ्टवेयर प्रोडक्ट्स पर कोई इंपोर्ट और एक्सपोर्ट ड्यूटी रही इसकी हेल्प से आपको नॉर्मल रेट से कम रेट पर ऑफिस भी उपलब्ध हो सकता है
आप इंडिया में अपनी स्टेट या रीजन के डिपार्मेंट आफ एंप्लॉयमेंट में खुद को एक एंपलॉयर के रूप में रजिस्टर भी करवा ले ताकि आप उसे स्टेट में जब ऐड दे सके और अपनी कंपनी की ओपन पोजीशंस के लिए सूटेबल कैंडिडेट्स को हायर कर सके कि ऑफिस लोकेशन चूज करते टाइम आपको कंपनी के साइज एम्पलाइज और उसे एरिया में अवेलेबल टेक्नोलॉजी औरअवेलेबल लिस्ट पर भी ले सकते हैं (How to Start Software Company)
शुरुआत में ज्यादा खर्चा स्पेस पर लगाने से बच्चे और आगे है सातवां स्टेप जो है एनर्जेटिक और ऐंठूसियास्टिक स्टाफ को हायर करें अपने सॉफ्टवेयर कंपनी का सेटअप तैयार करने के बाद आपको ऐसे स्किल्ड स्टाफ को हायर करना होगा जो आपकी कंपनी को नई ऊंचाइयों पर ले जाए इसके लिए उनमें सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की नॉलेज हायर एजुकेशन और टेक्नोलॉजिकल स्किल होनी चाहिए शुरुआत में आप दो से तीन सॉफ्टवेयर इंजीनियर और एक से दो कंप्यूटर प्रोग्रामिंग प्रोफेशनल्स को हायर कर सकते हैं एम्पलाइज को हायर करते टाइम आपको फ्रेशर्स को तो चांस देना ही चाहिए लेकिन अपने स्पेसिफिक फील्ड के लिए एक्सपीरियंस एम्पलाइज भी जरूर हायर करने चाहिए