Pm Home Loan : पीएम आवास योजना क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम है, जो घर खरीदने में करती है मदद
तीन स्थितियों में स्कीम के तहत मिलने वाली सब्सिडी ली जा सकती है वापस
नई दिल्ली, एजेंसी। सरकार ने पिछले साल 9 अगस्त को प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 लॉन्च की थी। इसे पीएमएवाय 1.0 की सफलता के बाद लाया गया है। पीएमएवाय एक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम है। इसका मकसद लोगों को घर खरीदने या बनाने में मदद करना है। पीएमएवाय सब्सिडी से होम लोन की अदायगी की लागत कम हो जाती है। इससे घर खरीदना या बनाना और भी किफायती हो जाता है।
लेकिन, बहुत से लोग पीएमएवाय के बारे में एक अहम बात नहीं जानते हैं। अगर कुछ शर्तें पूरी नहीं होती हैं तो सरकार पीएमएवाय स्कीम के तहत दी गई ब्याज सब्सिडी को वापस ले सकती है। इसका मतलब है कि होम लोन की अदायगी की शुरुआत में उन्हें जो ब्याज सब्सिडी दी गई थी, उसे बाकी लोन की मूल राशि में जोड़ दिया जाएगा। कर्ज लेने वाले को होम लोन की अवधि तक इस लोन राशि पर अधिक ईएमआई का भुगतान करना होगा।
पंजाब नेशनल बैंक में रिटेल एसेट बिजनेस डिवीजन के महाप्रबंधक अमरेंद्र कुमार के अनुसर, ऐसी तीन स्थितियां हैं जिनके तहत क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी वापस ली जा सकती है। दूसरी स्थिति, जब क्रेडिट सब्सिडी पहले ही वितरित की जा चुकी हो,
लेकिन कुछ कारणों से घर का निर्माण रुक गया हो। ऐसे में सब्सिडी की वसूली कर नोडल या कार्यान्वयन एजेंसी को वापस कर दी जाएगी। तीसरी स्थिति, उपयोग/अंतिम-उपयोग प्रमाण
पत्र जमा नहीं करने पर सब्सिडी वापस ली जा सकती है। कर्ज देने वाले बैंक को आवास इकाई के पूरा होने के लिए नोडल एजेंसी को कर्ज राशि की पहली किस्त के वितरण की तारीख से एक वर्ष के भीतर या अधिकतम 36 महीने के भीतर उपयोग/अंतिम उपयोग प्रमाण पत्र प्रदान करना होता है। इस ए प्रमाण पत्र के अभाव में बैंक को संबंधित नोडल एजेंसी को सब्सिडी वापस करनी होती है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुसार, तीन केंद्रीय नोडल एजेंसियां बैंकों को सब्सिडी राशि वितरित करती हैं। इन तीन एजेंसियों में नेशनल हाउसिंग बैंक, हाउसिंग एंड
अर्बन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और भारतीय स्टेट बैंक शामिल हैं। हालांकि, सरकार ने पीएमएवाय 2.0 के लिए संचालन दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। लेकिन, उसने इसे अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है। यह संभावना है कि पीएमएवाय 1.0 और 2.0 के तहत क्लॉबैक की शर्तें समान हों। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत, ब्याज सब्सिडी को कर्ज लेने वाले के लोन अकाउंट में एडवांस में दिया जाता है। यानी होम लोन की शुरुआत में ही इसे क्रेडिट किया जाता है। इसके चलते प्रभावी हाउसिंग लोन की रकम और ईएमआई कम हो जाती है। ब्याज सब्सिडी कोई रियायती ब्याज दर नहीं है, बल्कि इसका शुद्ध वर्तमान मूल्य है। इसका कैलकुलेशन पीएमएवाय 1.0 परिचालन दिशानिर्देशों के अनुसार 9 प्रतिशत की छूट दर पर किया जाता है।